- Home
- About Us
- Contact Us
- Privacy Policy
- Disclaimer
-
Settings
- Dark mode
मीडिया मंथन : मीडिया में सकारात्मक एवं आशावादी सामग्री की मांग

मीडिया में सकारात्मक एवं आशावादी सामग्री की अभिवृद्धि के लिए एक मीडिया सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में “भविष्य की परिदृश्य बेहतर बनाने में मीडिया की भूमिका” के विषय पर पत्रकारों के लिए रखी गयी एक मीडिया डायलाग कार्यक्रम सम्पर्ण किया गया। इस कार्यक्रम में आए तमाम अतिथि, सदस्य व संबोधनकर्ताओं ने मीडिया में बढ़ती हुई नकारात्मक एवं निराशजनक तथ्यों मे निरंतर हो रही बढ़ोत्तरी पर चिंता जाहिर करते हुए मीडिया में सकारात्मक व प्रेरणादायी बातों को बढ़ाने पर जोर देने पर एकस्वर से इसकी मांग की।
दीपक द्विवेदी ने समाचार पत्रों में भय, देहसत एवं निराशा फैलाने वाली खबरों में अतिशय बृद्धि को लेकर चिंता व्यक्त की और इसका अपने-अपने स्तर पर समाधान ढूंढने के लिए पत्रकारों को निवेदन की।
प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि उनका टीवी चैनेल समाज में घट रही अनेक सकारात्मक खबरों को जनहित में प्रमुखता से प्रदर्शित करने लगी है और आशा व्यक्त किया कि आगे भी इसकी मात्रा में अभीवृद्धि की जाएगी।
एस एस डोगरा ने कहा कि इस प्रकार के मीडिया डायलाग कार्यक्रमों होने रहने चाहिए, जिससे मीडिया वर्ग में अध्यात्मिक ज्ञान एवं मैडिटेशन की अनुभूति के आधार पर सकारात्मक एवं स्वस्थ कंटेंट की निर्माण एवं मीडिया में नियमित समावेश केलिए बल मिले।
सीके नायक ने माउंट आबू मीडिया समेलन का अपनी अनुभूति सांझा करते हुए कहा कि आज की प्रत्तिस्पर्धा की दौर में पत्रकारों की सोच, नज़रिया, कार्यप्रणाली एवं जीवनशैली को स्वस्थ तथा सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है और इस केलिए ब्रह्मा कुमारी संगठन की शिक्षाएं और योग की विधि बहुत ही कारगर है।
एनके सिंह ने मीडिया में बढ़ती हुई भौतिकवादी, भोगवादी एवं उवभोक्तावादी मानसिकता, कंटेंट एवं कार्य पद्धति पर घोर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश और लोगों के हित में आज की मीडिया वर्ग को ब्रह्माकुमारी जैसी अच्छे सोच, विचार एवं दिशा प्रदान करने वाले संस्थाओं के साथ मिलकर सामाजिक उत्तरदायित्व की भी पूर्ति करनी होगी।
प्रो. प्रदीप माथुर ने भी सामाजिक परिवर्तन के दिशा में समर्पित मीडियाकर्मियों के लिए ब्रह्माकुमारी संस्था से नैतिक एवं सामाजिक सहयोग की कामना करते हुए, मीडिया प्रोफेशनल्स को सकारात्मक पत्रकारिता, स्वस्थ एवं सादा जीवन शैली अपनाने की नसीहत दी।
मुम्बई से पधारी दिव्या खोशला ने सकारात्मक खबरों और विचारों का मनुष्य के मन और तन पर अच्छे प्रभाव के ऊपर ब्रह्माकुमारी संस्था के राजयोग मैडिटेशन के सुप्रभाव के बारे में अपनी अनुभव व्यक्त करते हुए, मीडिया में सकारात्मक कंटेंट की वृद्धि हेतु वकालत की।
ओम शान्ति रिट्रीट सेंटर के निदेशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा जी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि आज की मीडिया कर्मी पिछले जमाने से ज्यादा संघर्ष, दबाव, प्रभाव, तनाव और भय के दौर से गुजर रहा है। नियत साफ होते हुए भी परिस्थिति एवं वातावरण के प्रभाव से अपनी मूल्यों और जमीर के साथ समझौता करने मैं विवश है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के मनोबल, नैतिक बल एवं आत्म बल बढ़ाने की आवश्यकता है। मीडिया वर्ग की इसी आंतरिक सशक्तिकरण के लिए ब्रह्माकुमारी संस्था वर्षों से सेवा प्रदान कर रही है और आगे ज्यादा से ज्यादा करने के लिए सदा तैयार है।
ब्रह्माकुमारी हुस्सैन बेहन ने इस कार्यक्रम का कुशल संचालन किया तथा वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्मा कुमारी पुष्पा ने सभी को सामूहिक राजयोग का अभ्यास कराकर गहरी आत्मिक शांति और शक्ति की अनुभूति कराई। #
***
Popular Post
Follow by Email
Recent Post
संपर्क फ़ॉर्म
Blog Archive
-
-
- अगस्त क्रांति : जिसने हिला दी अंग्रेजी हुकूमत की जड़े
- दाढ़ी पर चर्चा : चार इंच से लंबी दाढ़ी नहीं रख सकत...
- विचार - विमर्श : समस्याओं की बेड़ियों में जकड़ी भार...
- आत्मकथा : जनसंचार की राह से : डॉ. रामजीलाल जांगिड़
- संस्मरण : भारत को 21वीं सदी में ले जाने वाले राजीव...
- कोरोना व पढ़ाई : कोरोना काल में नन्हे-मुन्ने बच्चो...
- विचार-विमर्श : क्या सिर्फ वाह-वाह करेंगे देशवासी?
- विकास गाथा : भारतीय उद्योग जगत के पितामह “जमशेदजी ...
- संस्मरण : भारतीय संस्कृति के प्रतीक संत रविदास
- विचार - विमर्श : महात्मा गाँधी की दृष्टि में सभ्यत...
- संस्मरण : भारतीयता के प्रतीक “शास्त्रीजी”
- मीडिया मंथन : गाँधीवादी मूल्यों और संचार शैली की म...
- विकास गाथा : गाँधी की दृष्टि में समावेशी विकास
- मीडिया मंथन : बाबूराव विष्णु पराड़कर जी पत्रकारिता ...
- अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य : ट्रम्प का भारत प्रेम : ह...
- मीडिया मंथन : आखिर आध्यात्मिकता की राह में पत्रकार...
- अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य : भारत - इजराइल: जल संरक्ष...
- मीडिया मंथन : मीडियाकर्मियों से की शांति और सदभाव ...
- विचार-विमर्श : आखिर इस बलात्कारी प्रवृत्ति के मूल ...
- मीडिया मंथन : मीडिया में सकारात्मक एवं आशावादी साम...
- मीडिया मंथन : पत्रकारिता के समक्ष कई अंतर्राष्ट्री...
- मीडिया मंथन : मीडिया को संतुलित व्यवहार प्रदर्शित ...
- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस : एक आर्थिक चिंतक के रुप म...
- अंतर्राष्ट्रीय जगत : पश्चिमी एशिया पर मंडराते संकट...
- रक्षाबंधन : भाई-बहन के अटूट रिश्ते का बंधन, चलो एक...
- विचार - विमर्श : आ अब लौट चलें... गाँधी की डगर पर
- अतंर्राष्ट्रीय परिदृश्य : आस्ट्रेलिया का सर्वाधिक ...
- सत्ता के गलियारों से : उत्तर प्रदेश वाह-वाह और आह-...
- आर्थिक जगत : आखिर क्यों खुदरा व्यापारियों व सीमांत...
- आर्थिक जगत : आखिर आर्थिक संकट का मूल कारण क्या हैॽ
- 9 नवंबर 2019 : आखिर कैसे एक यादगार दिन बन गया
- आर्थिक जगत : सहकारी बैंकिंग के अस्तित्व पर लगता प्...
- अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य : सियासत की पिच पर फिसड्डी...
- आर्थिक जगत : अर्थ नीति में सुधार करने की है आवश्यकता
- सत्ता के गलियारों से : दिल्ली के चुनाव परिणाम क्या...
- अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य : सत्तारुढ़ राष्ट्रपति ट्रम...
- भारतीय विदेश नीति : हमारी विदेश नीति कितनी सफल, कि...
- मीडिया मंथन : अंतर्राष्ट्रीय घटनाचक्र और भारतीय मी...
- आर्थिक जगत : केंद्रीय बजट से आर्थिक स्थित में सुधा...
- आर्थिक जगत : अतीत को भुलाकर नए पथ पर चलने का समय
- सत्ता के गलियारों से : दिल्ली चुनाव परिणाम और भाजपा
- सत्ता के गलियारों से : दिल्ली दंगा : दंगा पीड़ित ज...
-
टिप्पणी पोस्ट करें
टिप्पणी पोस्ट करें